Menu
"There can be no keener revelation of a society's soul than the way in which it treats its children."
…..Nelson Mandela
Child Rights is the human right of every child to survival, development, protection and participation.
It is the right of every child to equal opportunity without discrimination, as enshrined in the Constitution of India and the United Nations Convention on the Rights of the Child (1989), ratified by India in 1992. The 20 yr Balance sheet of the CRC, an initiative by HAQ, TDH and other partner organisations will be released in November 2011. The General measures of implementation chapter carries comprehensive information on all national and international acts,conventions and guarantees that impact the Child in India.
A lovely Poem written by our tem member Uzma Perveen on rights of children-
बाल अधिकार
बच्चो के अधिकारों की किसी को कोई चिंता नही…..
क्यों के बच्चा खुद मुँह से कुछ बोल सकता नही !!!!
अपने अधिकार के लिए सब लड़ते रहते है पर……
अधिकारों के लड़ने के लिए बच्चे कमज़ोर होते हैं !!!!!
“हक़” ने की यह पहल, के बच्चो के अधिकारों के लिए लड़ना है …..
बच्चो को उनका अधिकार दिला कर समाज मे रखना है !!!!
हम बच्चों का साथ देते है मुँह पर उनकी मुस्कान देते है……..
दिल मे उनके अरमान देते है ,आँखों मे सपने हज़ार देते है !!!!!!
सुरक्षा का एहसास देते है ,समाज मे उनको उनका स्थान देते है…..
बच्चो को अधिकार दिलाते है हम, समाज से भी लड़ जाते है हम !!!!
हम देते है बच्चो का साथ और रोकते है बाल व्यापार…..
हम ने यह ठानी है बच्चो को शोषण से मुक्ति दिलानी है !!!!!
जिन बच्चो का होता है शोषण …..
क्यों समाज नही सोंचता है उनकी कंडीशन !!!!
हम ने यह सोचा है हर बच्चा फूलो जैसा है, उसका भी अधिकार होता है…..
बगिया के फूलो को बचाना है, हमे बच्चो को उनका हक़ दिलाना है!!!!!!!!
समाज को अभी जगाना होगा, बच्चो को आगे ले जाना होगा…..
हर बच्चे को उसका बचपन लौटाना है , बच्चों को फिर से बच्चा बनाना है!!!!!!!